Sunday, October 4, 2009

हम लोग ?

अकेले कलकत्ता में पाँच हज़ार से ज़्यादा मूर्तियाँ जलमग्न कर दी गयीं। वहां , देश में अन्य स्थानों में कितनी नदियाँ, नहरें तालाब आदि एक बार फिर हमने बेशर्मी से प्रदूषित किए, जल स्त्रोत गंदे किए ।
और फिर लाखों टन खेत्री , घर घर उगी , फ़ेंक दी गई । काश उसे और उग लेने दिया जाता। कुछ दाने दुनके ही मिल जाते। पता चल जाता की मुठी भर अनाज के दाने कितना पानी मांगते हैं । खेत्री उगने का गणित तो 9 ग्लास तक रहा, यानि एक ग्लास प्रतिदिन यानि करोडों ग्लास पीने का पानी मिटटी मिटटी हो गया ,धर्म विजयी हुआ , हम धन्य हुए .
रामलीलाओं में शूर्पणखा की नाक काटे जाने वाला सीन फिर से तालियाँ लपेट कर ले गया , नाक कटवाने वाले अभिनेता को इस बार भी किसी ने कोई दस, पचास या सौ का नोट नही थमाया । उसकी नाक काटने वाले की तो बल्ले बल्ले होती रही हमेशा की तरह,
देखने में आ रहा है की गली , मोहल्लों, पार्कों के लिए रावण और उनके आजू बाजू वाले अब छोटे छोटे साइज़ में
बिकने लग पड़े हैं.
हाथरस की रामलीला में जब बजरंगबलि जी ने अपनी छाती फाड़ कर दिखाई तो मेड इन चाइना की जगमग लड़ियों में से अपने राम सीता की जोड़ी काफी चकाचौंध व् तालियाँ पैदा कर गयीं , दुश्मन देश को छाती से लगाने की परम्परा है न ।
इस बीच हरियाणा पंजाब वृहित्र उत्तरी भारत में ललनाओं , मुटियारों को पैदा होते ही मार देना "बादस्तूर" जारी है सुनने , जानने में आ रहा है की प्रतिदिन लगभग 11000 कन्या/भ्रूण हत्याएं सुनियोजित "तौर तरीकों " से की जा रही हैं ।
चलो यह भी अच्छा ही है
जिस मुस्लिम जगत पर हम सब हँसते , छीटाकशी करते रहे है की एक एक मुस्लमान चार चार
पत्त्निया रखता है, अब ऐसा वक्त भी देखने वाले हैं जब इधर द्रौपदी युग का सूर्योदय होने को है ।
एक एक ब्याहता के यहाँ तीन तीन चार चार पति ।
लड़किया सचमुच में राज करेंगी और
पुरूष ने सैंकडों वर्षों से उस पर जो ज़ुल्म किए हैं, षडयंत्र रचे हैं उसका खामियाजा सामने आने को है।

(with my apologies to our rivers, rivulets, ponds, lakes and talaabs).
----------------------------------------------------------------

And amidst all this :

I visited some very fancy (airconditioned) institutions (fancy schools,colleges)
everywhere , everyone gave the same answer to :
which is the most poisonous snake in the world ?
ANACONDA SIR..
POOR BLACK MAMBA and KING COBRA.
and poor teachers who give a damn NOW A DAYS.

2 comments:

  1. sir,my apologies to our rivers, rivulets, ponds, lakes and talaabs too.Haan yeh talkh haqiqat hai sabhi pabandiyon ke bavjood kanya bhurn hatya badastoor jari hai AUR KHULEAAM. HAMRE REHNUMA KHUD BETIYON KO MAR RAHE HAIN.
    rafat alam

    ReplyDelete