Friday, January 7, 2011

more bhopals waiting.....

भोपाल और भी हैं, होने को


भोले शंकर तुमने सचमुच में प्रबुधों को भी अपनी छतरी तले ले लिया ...आपका नमन...हम सबके सामने इस देश में हुए कितने सारे नटवर लाल कांड, हर्षद मेहता, चारा घोटाला , बोफोर्स ,ब्लू स्टार, पनडुब्बी स्कैम हो चुके...उन पर आये फैसलों से पता ही था....अबू सलेम अभी भी जेल में खैनी गुटका पर मोबाइल हो रहा पर हम ? लकीर पीट रहे .... मेरे जैसी कीड़ी तक को पता था की कैसी "वर्डिक्ट" आएगी ,आपको/प्रेस को न पता हो बात हजम नहीं होती ! पर प्रेस की छाती पीटने की कवायद , भोले दिखने वाला मुखौटा तो नहीं ही तजना ...नहीं छोड़ना...आगे चलिए सर ... कुछ सोचिये ...उस शाम/रात जो हुआ....अगले दिन मैं ,तेजी ग्रोवर ,PGI के डॉक्टर राम जलोहा ,विकास नेहरु भोपाल की अरेरा कालोनी में थे ...कितनी लाशों /अधमरे लोगों/बच्चों को सरेआम सड़कों ,गलियों , ओपन स्पेसिज में पड़े देखा ...शाम होते हमें गिरफ्तार कर भोपाल से बाहर कर दिया गया ...प्रशासन नहीं चाहता था की मरे लोगों की वास्तविक गिनती देश/प्रेस तक पहुंचे , बाहर के लोग वहां दाखिल हों ...कालांतर केस जैसे चला, मुआवज़ा कतरा कतरा टपका ...death - certificate जारी करने में जो हेराफेरीआ हुई वो दीगर क्लेश.....पर तस्वीर साफ़ होती गयी की हश्र क्या होना है ! कुछ ही दिन पहले जब दिल्ली के गोल्फ लिंक में रघु भाई के स्टूडियो में था....तभी कह रहा था वो विख्यात फोटोग्राफर "अर्नेस्ट सरकार जिस तरह से (जिन विषयों पर) अम्रीका के साथ engage हो चुकी , कोई उम्मीद नहीं कि अपेक्षित वर्डिक्ट आएगी" (रघु भाई ने जिस पैशन और गीली आँखों से कैमरे में मौत को कैद किया दुनिया और भविष्य के लिए उन दिनों........मीरा व् अनिल सदगोपाल किन किन झुग्गिओं में रहे हैं ...वो भोले शंकर नहीं जानते ),रसूल भाई तो रो रो कर आंखें ख़राब कर चुके...अब तक उनका कलेजा क्यों नहीं फटा गनीमत जी...उम्मीद अँधा भी कर डालती है बन्दे को ...खैर जैसा पीछे कहा, "आगे चलिए सर ...कुछ कर मारिए..कुछ कर/मर लें ... कुछ सोच लें अभी वक़्त है" क्योंकि काफी "भोपाल" अभी होने शेष हैं.

(anil, mira,raghu bhai, ram,vikas...and all do not grieve, there is so much more to do ...and we know it).

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